सत्यनारायण व्रत कथा

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सत्य को नारायण विष्णु जी के रूप में पूजना ही सत्यनारायण भगवान की पूजा है। इसका दूसरा अर्थ यह है कि संसार में एकमात्र भगवान नारायण ही सत्य हैं, बाकी सब माया है। भगवान की पूजा कई रूपों में की जाती है, उनमें से भगवान का सत्यनारायण स्वरूप इस कथा में बताया गया है।

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Description

देवर्षि नारद के अनुसार श्रीसत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ जन साधारण के लिये एक बड़ा ही सरल उपाय है। जिसके माध्यम से न केवल कष्टों से मुक्ति मिलती है, अपितु भक्त को धन धान्य, संतान आदि का लाभ भी होता है। किस प्रकार इस व्रत से समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ हुआ है। इस पद्यावली में एक राजा, एक विप्र, एक व्यापारी एवं एक श्रमिक के जीवन में व्रत से बहुत सुधार हुआ। मैंने इसी सन्देश को हिन्दी काव्य रूप में जन मानस के लाभ के लिये प्रस्तुत किया है।

Additional information

रचनाकार:

डॉ. कैलाश परवाल ‘सरल’

About Book

पहली बार सत्यनारायण व्रत कथा हिन्दी में
संगीतमय ऑडियो एवं किताब में उपलब्ध
36 रंगीन पृष्ठ
36 दोहे
36 चौपाईयों की पवित्र पद्यावली